राष्ट्र निर्माण: शिक्षा, पर्यावरण और तकनीक का संगम
"कतरे-कतरे से देश बना है, कतरे-कतरे से देश बढ़ेगा। विकास की राह समग्र राष्ट्र के रास्ते ही जाती है।" ये पंक्तियाँ केवल एक विचार नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के निर्माण का ब्लूप्रिंट (रूपरेखा) हैं। एक राष्ट्र का वास्तविक विकास तब होता है जब उसके नागरिक शिक्षा से प्रबुद्ध हों, तकनीक से सशक्त हों, और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हों। आइए देखें कि कैसे इन तीन क्षेत्रों में हमारे छोटे-छोटे प्रयास (कतरे) मिलकर एक सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं। 1. शिक्षा: राष्ट्र की नींव (Education as the Foundation) शिक्षा वह पहला 'कतरा' है जो चेतना का सागर बनाता है। राष्ट्र निर्माण केवल डिग्री हासिल करने से नहीं होता, बल्कि मूल्यों और कौशल (Skills) के विकास से होता है। * मूल्य आधारित शिक्षा: जब एक विद्यार्थी केवल परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि समस्याओं को सुलझाने के लिए पढ़ता है, तो देश आगे बढ़ता है। * सबकी भागीदारी: यदि हम में से हर सक्षम व्यक्ति किसी एक अशिक्षित को पढ़ाने का जिम्मा ले ले, तो साक्षरता की यह छोटी सी बूंद ज्ञान की क्रांति ला सकती है। * नई सोच: रटने की जगह 'सीखने'...